success story, कोरोना ने सूटर का सपना तोड़ा, तो ठान लिया आईएएस बनूंगा।

Success story,
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के 16 अप्रैल 2024 को आए रिजल्ट में कई ऐसी प्रतिभाएं सामने आई है, जिन्होंने मुश्किल और बाघाओ को पार करते हुए एक कामयाबी हासिल की है। इनकी कहानी किसी प्रेरक किस्सो से काम नहीं है। ऐसा ही एक किस्सा है तेजस का, बेंगलुरु के निशानेबाज तेजस ने2020 में कोरोना के चलते खेल नहीं पाए। तब परीक्षा की तैयारी शुरू किया। वह टोक्यो ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों में से थे।
मां से प्रेरणा लेकर उन्होंने शूटिंग मैं हाथ आजमाया। 2016 के इंडिया के जूनियर स्क्वाड में थे। 2019 तक नंबर 4 पर थे। वीविंग और म्युनिख दोनों विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया। 2018 से लेकर 2020 तक सीनियर टीम का हिस्सा थे।
कोरोना  काल मैं शुरू किया यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी।
2020 में जब कोरोना का कहर ढाया तो उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। आज जब यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसमें 243 व रैंक प्राप्त किया है। यह है तेजस से कृष्ण प्रसाद की सफलता की एक छोटी सी कहानी।

कुहू गर्ग
इन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 178 वां स्थान प्राप्त किया है। इनकी कहानी थोड़ा सा हट के है। कुहू गर्ग एक बैडमिंटन की एक के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रही है। 56 राष्ट्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। कोरोना के उबेर कप के ट्रायल में घुटने में चोट लगी। घुटने में चोट लगने के कारण खेल बंदकरना पड़ा। क्योंकि घुटने में सर्जरी हुई थी। तब उन्होंने परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया। इस प्रकार उन्होंने यूपीएससी की सिविल परीक्षा में 178 स्थान प्राप्त किया है।
पवन कुमार इसके माता-पिता मजदूर है।
पवन कुमार जिसके माता-पिता मजदूर हैं। तीसरे प्रयास में यह कामयाबी हसिल की। यूपी के बुलंदशहरके रहने वाले पवन कुमार बताते हैं कि यह परीक्षा ए के लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए धैर्य जरूरी है। इन्होंने 239 व स्थान प्राप्त किया है।

पिता मैकेनिक थे, 2000 मैं हो चुकी थी मृत्यु।
उदयपुर के पास दूदू के मोकमपुरा गांव के दीपक के छठे प्रयास में पास हुए हैं। पिता ट्रक मैकेनिक थे। सन 2000 में देहांत हो चुका है। माता गृहिणी है। अपने सफलता का श्री मां और भाई को दिया इन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 775 व स्थान प्राप्त किया है। ऐसे और भी सफलता प्राप्त करने वाले युवा है जो काफी कठिनाइयों के बवजूद यूपीएससी  में अपना सफलता का परचम लहरा हैं।
अनिषेक प्रधान।
यह ऐसा प्रतिभागी है जो अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी  में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इन्होंने जब यूपीएससी  के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे, तो कैंसर की वजह से इनकी माता की कैंसर के वजह से मौत हुई। वह कहते हैं कि मेरी मां बहुत साथ दिया।

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