सरकार ने आदेश में यह रखी है शर्त,
3 मार्च 2023 को जारी आदेश के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को अधिसूचित किए जाने की तारीख है 22 दिसंबर 2023 से पहले विज्ञप्ति या अधिसूचित पदों के तहत, केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) 1972 (अब2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के पात्र हैं। संबंधित सरकारी कर्मचारी 21 अगस्त 2023 तक इसका चुनाव कर सकते हैं।
इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ,
जिस सरकारी कर्मचारी को 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नौकरी मिली है वह इस विकल्प का लाभ नहीं ले सकते हैं। वाह नेशनल पेंशन व्यवस्था के तहत ही रहेंगे।
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आपको बता दूं कि नेशनल पेंशन व्यवस्था 2004 से अस्तित्व में आई थी।
अभी किन किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू है?
फिलहाल पुरानी पेंशन योजना इन चार राज्यों में लागू है। यह राज्य हैं राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश तथा झारखंड में पुरानी पेंशन योजना चल रही है।
पुरानी पेंशन योजना तथा नई पेंशन योजना में क्या अंतर है?
पुरानी पेंशन योजना, पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय तय वेतन के आधा पेंशन के रूप में दिया जाता है। पुरानी पेंशन योजना में आखिरी बेसिक वेतन तथा महंगाई के अनुसार तय की जाती है। पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से पैसा नहीं काटा जाता है। इस योजना में भुगतान सीधा सरकार के खजाने से किया जाता है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन सीधा उनके परिजनों को मिलने लगता है। पुरानी पेंशन इसकी में हर 6 महीना के बाद महंगाई भत्ता देने का प्रावधान है।
नई पेंशन स्कीम (NPS) नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से 10% से रकम काटी जाती है। नई पेंशन योजना में पेंशन की राशि बाजार पर निर्भर करता है। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के काटी गई रकम को शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए नई पेंशन स्कीम में पेंशन की राशि बाजार पर निर्भर करता है। नई पेंशन स्कीम में पेंशन की राशि कम भी हो सकती है। क्योंकि यह पूरी तरह बाजार पर निर्भर करता है।
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