राजस्थान का दसवी फेल लड़का कैसे बना IAS अधिकारी, बड़ी रोचक है कहानी इसकी।

कहां जाता है कि  आदमी अगर अपने पर आ जाए तो दुनिया का कोई भी काम बड़ी आसानी से  कर लेता है। ऐसा ही एक कहानी राजस्थान के ईश्वर गुर्जर की है। ईश्वर गुर्जर दसवीं क्लास में फेल हो गए थे। ऐसा नौबत आ गया था कि पढ़ाई छोड़ने की स्थिति आ गई थी। ईश्वर गुर्जर 4अजस्थान के भीलवाड़ा के हबरा के बढ़िया गांव के रहने वाले हैं। ईश्वर गुर्जर 2022 में यूपीएससी क्रैक कर 644 वां स्थान प्राप्त कर यूपीएससी अधिकारी बन गया। इस आर्टिकल में मैं ईश्वर गुर्जर की सफलता की कहानी बताने की कोशिश कर रहा हूं।
ईश्वर गुर्जर के पिता एक मध्यम वर्ग के किसान है। जब ईश्वर गुर्जर दसवीं तलाश में खेल हो गए तो उनके पिता ने उनका हिम्मत बढ़ाया। उन्होंने कहा की हिम्मत हारने से कोई काम नहीं होता उनके पिता ने ईश्वर गुर्जर को हिम्मत दिया और पढ़ाई जारी रखने को कहा। दसवीं क्लास का दूसरी बार परीक्षा दिया और उन्होंने 54 प्रतिशत से नंबर से दसवीं क्लास पास किया। इस तरह उनका मनोबल बढ़ाते गया और 12वीं क्लास में 68% नंबर लाए। ईश्वर गुर्जर चौथी प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त किया।
ईश्वर गुर्जर की शिक्षा।
ईश्वर गुर्जर की शिक्षा की बात करें तो वह शुरू से ही सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त किया है। 2011 में दसवीं फेल होने के बाद उन्होंने फिर से परीक्षा दिया और 54 प्रतिशत नंबर से पास किया। अजमेर के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से बा की पढ़ाई की है। ईश्वर गुर्जर के घर में कोई भी व्यक्ति ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। वह पहला व्यक्ति हैं जिन्होंने यूपीएससी में अधिकारी बने हैं।
ईश्वर गुर्जर की शादी।
ईश्वर गुर्जर की शादी 2020 में सुगना देवी से हुई। इस समय उनकी एक छोटी सी बेटी भी है। ईश्वर गुर्जर का कहना की वह अपनी पत्नी के सहयोग से ही आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अपने कामयाबी में वह अपने पति का साथ बताते हैं।
ईश्वर गुर्जर की कैरियर।
ईश्वर गुर्जर मासी दयानंद विश्वविद्यालय से दिए करने के बाद शिक्षा शास्त्र में डिप्लोमा विधिक री प्राप्त किया है। डिप्लोमा थी डिग्री लेने के बाद 2019 ने थर्ड ग्रेड शिक्षक के बने। इसी पीरियड में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू किया था। उन्होंने हप्सी में दो बार मेन निकाला लेकिन इंटरव्यू में छट गए। इस तरह उन्होंने 3 बार psc की परीक्षा में असफल रहे। उन्होंने एक लीटर भी ने कहा था कि उनके रिश्तेदार  आईएएस अधिकारी थे। जिस अभी गाड़ी का नाम था महेंद्र पाल गुर्जर। इन्हीं के देखरेख में उन्होंने चौथी बार फिर upsc की परीक्षा की तैयारी की और इस बार उन्होंने 644 वा स्थान प्राप्त किया। 644 वा स्थान प्राप्त करने पर उनको अच्छा पोस्ट नहीं मिल सका। इसलिए वह फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू किया है।

सिख दोस्तों अगर एक दसवीं फेल लड़का आई एस अधिकारी बन सकता है तो और क्यों नहीं। मनुष्य क्या ध्यान लगा अपनी मंजिल की तरफ से हो जाए तो उसके लिए असंभव कोई चीज नहीं होता है।

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