success story, इरा सिंघल अपाहिज होने के बावजूद एक आईएएस अधिकारी बनी।

इरा सिंघल एक के ऐसी महिला है जो विकलांग और अपाहिज लोगों के लिए एक मिसाल है। इनकी जीवन की ऐसी कहानी है जिसे सुनकर आपने गलानी होती है फिर भी इरा सिंघल ने हार नहीं मानी और अपनी मंजिल तक पहुंची।
इरा सिंघल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उनके पिता राजेंद्र सिंघल तथा माता अनीता सिंघल है। इरा सिंघल सोफिया गर्ल्स कॉलेज तथा दिल्ली के लारेड कन्वेंट स्कूल में प्रथम स्थान पर रही। इरा सिंघल स्कोलियोसिस बीमारी से पीड़ित थी। उनका हाथ सही रूप से काम नहीं करता था। ऐसी शारीरिक स्थिति होने के बावजूद उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कूल दिल्ली के धौला कुआं से अपनी शिक्षा पूरी की।
इरा सिंघल वैसे लोगों के लिए एक मिसाल है जो अपनी अपंगता और अपाहिज होने का कारण बताते हैं।
इरा सिंघल की कैरियर,
इरा सिंघल की कैरियर की बात करें तो वह कैडबरी डेयरी मिल्क कंपनी में प्रबंधक पद पर भी कार्य कर चुकी है। उसके बाद कोका कोला कंपनी में भी अपनी सेवाएं दे चुकी है।
इरा सिंघल 2010 में भारतीय राजस्व सेवा की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। परीक्षा में सफल होने के बावजूद भी उनकी नियुक्ति नहीं की गई क्योंकि उनके हाथ सही रूप से काम नहीं करता था और वह किसी चीज को उठाया धकेल नहीं सकती थी यह कारण बताया गया। इरा सिंघल ने मुकदमा दायर किया और 4 साल बाद उनकी नियुक्ति भारतीय राजस्व सेवा में की गई। फिलहाल में वह भारतीय राजस्व सेवा के उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग में सहायक आयुक्त की पद पर कार्य कर रही है।
इरा सिंघल ने यह साबित कर दिया कि शरीर वीके स्थिति सही ना हो फिर भी अगर दिमागी स्थिति सही हो तो हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
इरा सिंघल 2014 में सामान्य श्रेणी में यूपीएससी की परीक्षा में टॉप करने वाली पहली अपाहिज महिला बनकर देश में अपना नाम रोशन किया।
इरा सिंघल एक इंटरव्यू में बताया था कि उसे बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था। उसने बताया था कि जब मैं बच्ची थी तो अक्सर ऐसा सुनने को मिलता था कि ऐसा नहीं करना है वैसा नहीं करना है जब मैं पूछती थी तो लोग बताता था कि जिला मजिस्ट्रेट का आदेश है। यह सुनकर मेरे मन में भी आईएएस बनने का ख्वाब आया। इस तरह इरा सिंघल 2014 में यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया। आज हमारे देश में एके ईमानदार और साहसी अफसरों में इनका नाम जरूर आता है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर मन में लगने और इच्छा शक्ति हो तो शरीर के विकलांगता कोई मायने नहीं रखता।

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