लाडली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार 1 लाख 45 हजार रुपए दे रही है, अगर आपकी बेटी है तो आप भी ले सकते हैं। ऐसे आवेदन करें।

सरकार समय-समय पर महिलाओं और देश की लड़कियों के लिए योजनाएं आती रहती है। जिससे महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त और समर्थन बनाया जा सके। कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिसे लोग के नहीं जानने के कारण लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसी ही एक योजना लाडली लक्ष्मी योजना है जो 2007 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पाटिल ने शुरू किया था।
लाड़ली लक्ष्मी योजना क्या है?
लाडली लक्ष्मी मध्य प्रदेश सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य लड़कियों के जन्म के प्रति लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव लाना है। लड़कियों के शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
इस योजना में पैसा कब और कितना मिलता है?
इस योजना मैं लड़की के जन्म होते ही ₹11000 तुरंत उनके माता-पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
इस योजना के तहत सरकार लड़की के नाम से 66 हजार रुपया एक कोष में जमा करती है। जब लड़की छठी क्लास में जाती है तो ₹2000 दिया जाता है तथा नौवीं क्लास में जाने पर ₹2000 प्रदान करती है। जब लड़की 11वीं क्लास में ₹6000 एवं 12वीं क्लास में ₹6000 प्रदान करती है। जब लड़की का उम्र 21 वर्ष हो जाता है तो सरकार उसे 1 लाख 45 हज़ार रुपया देती है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
कोई भी आदमी अपनी बेटी की सारी कागजात लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर सकता है। इसके अलावा इन इंटरनेट कैफे में जाकर आवेदन कर सकता है या किसी लोक सेवा केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के बाद आपका आवेदन परियोजना में चली जाती है जहां स्वीकृति या अवीकृत हो सकता है।
इस योजना के लिए कौन पात्र है?
इस योजना में पात्रता के लिए माता-पिता को मध्यपदेश के निवासी होना चाहिए। आपको बता दूं कि यह योजना भारत के 6 राज्यों में भी चलाई जा रही है। जिसक लड़की का जन्म 2005 के बाद हुआ है उसे इस योजना का लाभ प्राप्त हो सकता है।
पहली लड़की जन्म लेने पर कितने पैसे मिलते हैं।
इस योजना के तहत लड़की का जन्म में 2005 के बाद हुई है तो तुरंत ₹11000 उनके माता-पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। लड़का होने के बावजूद दे अगर उस व्यक्ति को दूसरी लड़की होती है तो उसे भी सरकार प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹11000 उनके माता-पिता के खाते में ट्रांसफर करती है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पाटिल ने 2007 में शुरू किया था। अभी देश के लगभग 6 राज्यों में यह योजना चलाई जा रही है।

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