डीएसपी ऋषिका सिंह: शिव भक्तों की सेवा में जुटी महिला अधिकारी, वीडियो वायरल

 मुज़फ़्फ़रनगर की सीओ ऋषिका सिंह का वीडियो वायरल, जहां वह महिला कांवड़ियों के पैरों की सेवा करती दिखीं। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी और संघर्ष का सफर।
डीएसपी ऋषिका सिंह: सेवा का जोश, कर्तव्य का भाव
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के फुगाना की सीओ (सर्कल ऑफिसर) ऋषिका सिंह इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें यह महिला पुलिस अधिकारी कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त महिलाओं के पैर दबाते हुए नजर आ रही हैं। वीडियो की हर ओर तारीफ हो रही है और लोग उनकी संवेदनशीलता और सेवा भावना को सलाम कर रहे हैं।

ड्यूटी से बढ़कर सेवा की भावना
गुरुवार रात जब ऋषिका सिंह मुज़फ़्फ़रनगर-शामली बॉर्डर पर कांवड़ियों के लिए लगे सेवा शिविर का निरीक्षण कर रही थीं, तब उन्होंने देखा कि कुछ महिला शिवभक्तों के पैर चलते-चलते सूज गए हैं और वे काफी दर्द में हैं। यह देखकर वह वहां रुकीं नहीं, बल्कि शिविर में सेवा में जुट गईं और महिला भक्तों के पैर दबाने लगीं।

किसी ने यह भावुक पल अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में ऋषिका सिंह का नम्र व्यवहार और सेवा भाव सभी को प्रेरित कर रहा है।

कौन हैं ऋषिका सिंह?
लखनऊ में बीता बचपन, डीयू से की पढ़ाई
ऋषिका सिंह का जन्म और पालन-पोषण लखनऊ में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं से पूरी की। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से बीए ऑनर्स किया। स्नातक के बाद उन्होंने यूपीएससी और पीसीएस की तैयारी शुरू की।

कई असफलताओं के बाद मिली कामयाबी
ऋषिका सिंह ने 2019 में पहली बार पीसीएस परीक्षा दी, लेकिन असफल रहीं। 2020 में वह इंटरव्यू तक पहुँचीं, पर चयन नहीं हो सका। 2021 में भी वे अंतिम चरण तक पहुंचीं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। आखिरकार 2022 में उन्हें 80वीं रैंक मिली और वह DSP बनीं। उनकी यह कहानी संघर्ष, धैर्य और मेहनत की मिसाल है।

सीओ फुगाना के रूप में प्रेरणादायक कार्य
वर्तमान में ऋषिका सिंह फुगाना क्षेत्र की सीओ के रूप में तैनात हैं। जनता से जुड़ने और उनकी परेशानियों को समझने की उनकी क्षमता उन्हें एक आदर्श अधिकारी बनाती है।

कांवड़ यात्रा जैसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान उनकी सेवा भावना यह दिखाती है कि एक पुलिस अधिकारी केवल कानून का पालन कराने वाला नहीं, बल्कि जनसेवक भी हो सकता है।

वीडियो ने जीता दिल
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर सभी का दिल जीत लिया है। लोग कह रहे हैं कि ऐसी अधिकारी ही असली "पुलिस हीरो" होती हैं। उनके इस कदम ने पुलिस की छवि को नया आयाम दिया है।

👉 देखें वायरल वीडियो:




निष्कर्ष
ऋषिका सिंह आज की युवा महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका यह कदम यह साबित करता है कि इंसानियत और सेवा की भावना वर्दी से भी बड़ी होती है। उनका यह कार्य आने वाले अधिकारियों के लिए एक मिसाल बन चुका है।




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