केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की मौत ने तीर्थ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानिए हादसे का पूरा विवरण, कारण और सरकार की कार्रवाई।
लेखक: जगदीश यादव
तारीख: 16 जून 2025
✍️ हाइलाइट्स
घने कोहरे और शून्य दृश्यता में उड़ान की अनुमति पर सवाल
DGCA की मंज़ूरी के बावजूद नियमों की अनदेखी
7 लोगों की मौत, पायलट की वीरता और अनुभव भी बचा न सका
हेलिकॉप्टर कंपनियों की लालच और सरकारी तंत्र की नाकामी उजागर
घटना का विवरण
16 जून की सुबह एक बार फिर केदारनाथ की पहाड़ियों में मौत की गूंज सुनाई दी। आर्यन एविएशन के हेलिकॉप्टर ने गुप्तकाशी से उड़ान भरी और कुछ ही मिनटों बाद हादसे का शिकार हो गया। हादसे में पायलट राजवीर सिंह चौहान सहित सात लोगों की जान चली गई।
🕔 टाइमलाइन:
05:10 बजे: गुप्तकाशी से उड़ान
05:18 बजे: केदारनाथ में लैंडिंग
05:19 बजे: वापसी के लिए उड़ान
05:30 - 05:45 बजे: गोरिकुंड के पास दुर्घटना
लालच या लापरवाही?
राज्य सरकार के अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने ऑपरेटर्स पर लाभ के लिए सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है।
एक हेलिकॉप्टर दिन में 10 बार उड़ान भरता है
जांच में एक घंटे लगने चाहिए, पर एक मिनट में अगली उड़ान शुरू
₹4,000 से ₹1 लाख तक किराया वसूला जाता है
सरकारी लापरवाही
DGCA और UCADA की जिम्मेदारी तय करते हुए भी आदेशों की अनुपालना नहीं हो रही थी:
केदारनाथ के लिए एक घंटे में 9 उड़ानों की सीमा, लेकिन पालन नहीं
धामी सरकार द्वारा चेतावनी के बावजूद लापरवाही जारी रही
चार दिन पहले ही 3-4 यात्रियों की सीमा तय की गई थी, फिर भी 7 लोग सवार थे
पायलट का परिचय
राजवीर सिंह चौहान, 37 वर्षीय पायलट, पूर्व फौजी और 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले वीर थे।
पत्नी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल
चार महीने पहले जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ
सरकारी कार्रवाई
आर्यन एविएशन की सभी उड़ानें स्थगित
TransBharat Aviation के दो पायलटों के लाइसेंस निलंबित
15-16 जून को सभी उड़ानों पर रोक
कमांड एंड कंट्रोल रूम की स्थापना का आदेश
DGCA ने विशेष अधिकारी तैनात किए
आगे की राह
सवाल केवल हादसे का नहीं है, बल्कि हर साल बढ़ती तीर्थयात्रा, मौसम की अनिश्चितता और निजी कंपनियों की जवाबदेही पर भी है। अगर अब भी नहीं सीखा गया, तो आने वाले समय में और भी जानलेवा घटनाएं सामने आ सकती हैं।
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