उत्तराखंड होमस्टे योजना में रजिस्ट्रेशन इस प्रकार करें।


अगर आप उत्तराखंड के निवासी हैं, तो इस स्कीम का लाभ उठाकर लाखों रुपया कमा सकते हैं।
उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है। प्रदेश से अपने में न केवल लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए है बल्कि यात्रियों को होमस्टे के माध्यम से स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करवाने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है। ऐसे में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के अंतर्गत चल रहे होमस्टे से न केवल स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई दीनदयाल उपाध्याय गिरी आवास योजना के अंतर्गत होमस्टे व्यवस्था को गति मिली है। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय लोगों को आए का एक के अस्थाई स्वरूप प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है। इस योजना के तहत है स्थानीय लोगों को अपने ही घरों को घरेलू और विदेशी पर्यटकों की मेहमान दारी का अवसर मिलता है। 

इस तरह से पर्यटकों को उत्तराखंड के देसी व्यंजनों स्थानीय संस्कृति ऐतिहासिक विरासत, प्रणाम परी के पहाड़ी जीवन शैली और कला को समझने का अवसर मिलता है। इसके माध्यम से पूरे ऐसे स्थलों तक पहुंच रहे हैं जिनके बारे में उन्होंने पहले सुना नहीं था। वर्तमान में उतरा खंड पर्यटक विभाग के साथ लगभग 5000 पंजीकृत होमस्टे सूचीबद्ध है। इन्हें होमस्टे में हिमालय की गोद में बसे आरामदायक के कांटी जी से लेकर लकड़ी से बने प्रणाम परी के घर तक शामिल है। जो इस क्षेत्र के वास्तुशिल्प को दर्शाते हैं। हर होमस्टे पर्यटकों को आरामदायक और खातिरदारी करने वाला माहौल प्रदान करता है। जिससे पूरा स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ सकते हैं।
उत्तराखंड होमस्टे के फायदे।
इस योजना के माध्यम से लोगों के आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है।
होमस्टे के विकास से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सरकार इस योजना को लागू कर प्रदेश के युवाओं को पलायन से रोकना है। जब घर में रोजगार मिलना शुरू होगा तो युवा बाहर नहीं जा सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करके स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना है। होमस्टे के मालिक के अक्सर आसपास के कारीगरों किसानों और सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करते हैं। इससे स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला और सतत विकास को बढ़ावा मिलता है।
हु इस थे ने राज्य से पलायन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कहना गलत ना होगा कि इस योजना में आमदनी को बढ़ाने के साथ ही स्थानीय लोगों को पलायन करने व अपने समुदायों को बढ़ावा देने और विकास करने का खुश आधार प्रदान किया है। इससे आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रहेगी।
होम स्टे योजना क्या है,
ऐसा भवन जिसमें यात्री ठहरने के लिए आते हैं तो उसका खानपान की व्यवस्था खुद भवन मालिक को करना पड़ता है।


उत्तराखंड होम स्टे योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें।
उत्तराखंड होम स्टे योजना में रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले आपको उत्तराखंड होमस्टे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। जब इसी वेबसाइट पर जाएंगे तो आपके सामने एक फॉर्म ओपन होगा। इस फार्म में दी गई जनकारी को सही-सही भरने के बाद आपको यूजर आईडी तथा पासवर्ड डालना होगा। इसके बाद कंफर्म पासवर्ड डालना होगा । अब आपके सामने सबमिट का ऑप्शन दिखाई देगा। फार्म को सही तरीका से भरने और यूजर आईडी डालने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना होग।उत्तराखंड आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

उत्तराखंड होम स्टे योजना कब शुरू हुई।
उत्तराखंड होम स्टे योजना 20 अप्रैल 2018 को शुरू किया गया था।
पर्यटक के लिए उत्तराखंड सरकार की योजना।
उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए होमस्टे योजना चला रही है। इस योजना के तहत है भवन मालिक पर्यटक ओके खाने-पीने तथा सुख सुविधा का ख्याल खुद रखता है।
उत्तराखंड पर्यटन नीति 2030।
सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड का पर्यटन ak-56 उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है। विकास के नए मानकों को आस्था पित्त कर दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

उत्तराखंड पर्यटन योजना 2030,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड का पर्यटन एक संपन्न उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है। इस योजना का लक्ष्य यहां के  नव युवकों को पलायन से रोकना है। इस योजना से उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है साथ ही लोगों को रोजगार का अवसर मिल रहा है।
उत्तराखंड होमस्टे लोन,
उत्तराखंड होमस्टे योजना के लिए आपको लोन की भी सुविधा देती है। इसके लिए आपको उत्तराखंड पर्यटन विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आप अप्लाई कर सकते हैं।
उत्तराखंड होमस्टे योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन किस प्रकार करें।
उत्तराखंड होम स्टे योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए आपको उत्तराखंड पर्यटन विभाग है के दफ्तर में जाना होगा। वहां जाकर आपको एक फार्म लेना होगा जिसका मूल्य ₹50 है। इस फॉर्म में दी गई जानकारी को सही-सही से भरकर जमा कराना होता है। पर्यटन विभाग वाले आपके होम स्टे की जमीन का निरीक्षण करेंगे। उसके बाद आपका होम स्टे योजना कानून पास कर दिया जाता है। इस योजना में 50 फ़ीसदी सब्सिडी दिया जाता है।
उत्तराखंड होमस्टे योजना की विशेषता।
1, उत्तराखंड की मनमोहक प्राकृतिक संपदा में कई ऐसे स्थल हैं जो किसी खजाने से कम नहीं है। अगर आपको देवभूमि जाएं तो इन स्थलों पर जरूर जाएं। पर्यटकों की चहल-पहल हरी जगह से दूर टॉम पहचाने जाने वाले यह डेस्टिनेशन आपकी यात्रा को और रोमांचक बना देते हैं। आप प्रकृति से सीधे जुड़ जाते हैं। और में कार्तिकेय स्वामी मंदिर से लेकर पूरा कैसे शांत गांव तक सरखों के लुभावरे नजरे और मंडल की अंशुई सुंदरता जैसे स्थानों का अनूठा आकर्षण है।
2, अपनी विशेष विविध भौगोलिक के परिस्थितियों और अपठित सुंदरता के बल पर देवभूमि उत्तराखंड तीर्थ स्थानियों व पर्यटकों को हमेशा ही आकर्षित कर रहा है। राज्य ने वैश्विक स्तर पर एक नया आयाम स्थापित किया है और यही कारण है कि दुनिया भर से रोमांचकारी v80 पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं। राज्य में घने वनों में फैली पगडंडियों पर ट्रैकिंग व हइकिंग मन को खुश करने के अवसर प्रदान करते हैं। एक और जहां सघन वनों के बीच से गुजरने वाला विश्व विख्यात रूप कुंडल की पगडंडिय वह उत्साही पर्यटकों को उत्साह भर देती है। वहीं इसकी मनोहारी प्राकृतिक छवि का दर्शन कर वह मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
3, उत्तराखंड दिव्य सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति की भूमि है। उत्तराखंड सरकार आध्यात्मिक अनुभव की इच्छा से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए मानक खंड सर्किट योजना को साकार कर रही है। इससे पर्यटन सर्किट से कुमाऊं के विभिन्न जिलों में फैले प्राचीन और पूजनीय मंदिरों को जोड़ा गया है।
अल्मोड़ा,। उत्तराखंड की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बसा अल्मोड़ा मानस खंड सर्किट में अहम स्थान रखता है। यहां तीर्थयार्थी जागेश्वर महादेव चितई गोलू देवता मंदिर सूर्य मंदिर कटारमल कसर देवी मंदिर और नंदा देवी मंदिर जैसे मंदिरों की दिव्या आवास से अभियुक्त हो सकते हैं।
पिथौरागढ़,। यहां का परिदृश्य मन को मोह लेता है। यहां तो पवित्र मंदिर स्थापित है जोकि मानस खंड सर्किट का एक अभिन्न हिस्सा है।
बागेश्वर,। सर्दी बागनाथ महादेव मंदिर और बैजनाथ मंदिर प्राचीन काल की भक्ति और स्थापत्य कौशल्या के प्रमाण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। बागनाथ के पास सरयू और गोमती नदी का संगम है। यह मंदिर शांति और अध्यात्म दर्शन की अनुभूति प्रदान करते हैं।
नैनीताल,।  मानसखंड सर्किट में नैनीताल भी शामिल है जो एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यह अपनी शांति झीलों और प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। नैनी झील के किनारे स्थित के नैना देवी मंदिर का अपना धार्मिक महत्व है।
उधम सिंह नगर,।  उधम सिंह नगर जिला शेती बाला मंदिर के साथ है मानस खंड सर्किट में आध्यात्मिक महत्व रखता है। देवी बाला सुंदरी को समर्पित यह मंदिर आश्चर्यजनजनक के वास्तुकला का अप्रतम उदाहरण है। यह भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है। उत्तराखंड में मानसखंड सर्किट राज्य की समृद्धि आध्यात्मिक विरासत और स्थापत्य कला का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है। जैसे-जैसे यात्री इस आध्यात्मिक यात्रा पर निकलेंगे उन्हें दिव्य वातावरण में शांति और ज्ञान का लाभ मिलेगा।

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