इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले लड़के और लड़कियों को फ्री ई -स्कूटी दिया जा रहा है, ऐसे अप्लाई करें।

फ्री ई स्कूटी योजना, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चल रही है। बालक और बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें कई तरह की निशुल्क के पुरस्कार दिए जा रहे हैं। जिससे राज्य सरकार ने शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए ग्राम स्तर तक प्रयास किए हैं। इन्हीं योजनाओं में एक के महत्वपूर्ण योजना है इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले बालक और बालिकाओं को सरकार ई स्कूटी प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रथम स्थान वाले लड़के और लड़कियों को निशुल्क ई स्कूटी दिया जा रहा है।
पाली से 12वीं तक के बेटियों की अनिवार्य शिक्षा से बदल रही प्रदेश की तस्वीर।
शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों को शिक्षित कर समाज की नींव मजबूत करने के संकल्प पर अमल करते हुए बेटियों की शिक्षा की मजबूत व्यवस्थाएं की है। अब बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार ने उठा ली है। मध्य प्रदेश सरकार के श्रृंखलाबद्ध प्रयासों से आज प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की विद्यालयों में बेटियों की उपस्थिति बढ़ी है। प्राथमिक शाला में ड्रॉप आउट दर में कमी आई है।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान में 207 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। इसमें रहकर 32211 छात्राएं अध्ययन कर रही है। इसके अलावा 323 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से बालिका छात्रावास से संचालित है। इसमें 23050 छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। छात्रावासों में छात्राओं को स्कूल समय के पहले एवं बाद में अलग से री मेडिकल शिक्षक उनके विषय की पढ़ाई जाती है।
इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को जो प्रथम श्रेणी प्राप्त करते हैं उन्हें ई स्कूटी दिया जा रहा है।
छात्र और छात्राओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए यानी उनकी रुचि पढ़ाई में लगे हो इसके लिए सरकार उन्हें ई स्कूटी प्रदान कर रही है। जो छात्र एवं छात्राओं में से जो 60 फ़ीसदी अंक प्राप्त करता है उन्हें इस योजना का लाभ मिलता है। इसलिए इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र और छात्राओं दोनों पढ़ाई में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ताकि उन्हें ई स्कूटी मिल सके। यही कारण है कि इसी योजना से किस साल 7790 साल छात्राओं को लाभ मिला है। अगर राज्य सरकार की इन छात्र-छात्राओं पर इसी तरह ध्यान रहा तो प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश में सबसे आगे होगा।
राज्य सरकार चाहती है की मजबूरी में पढ़ाई नहीं छोड़ते देंगे।
राज्य सरकार ने शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर करने के लिए ग्राम स्तर तक प्रयास किए हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के लिए उत्कृष्ट साल भवन निशुल्क के पाठ पुस्तक गन से साइकिल आदि के साथ-साथ निरंतर विद्युत आपूर्ति स्कूल आने-जाने के लिए अच्छी सरका और स्तरीय पढ़ो संरचना उपलब्ध हो। जिससे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर अपना भविष्य बेहतर बना सके और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और स्वर्णिम राष्ट्र के निर्माण में सहयोग दे सके।
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