बिहार सरकार के कृषि विभाग के निर्देशक कालू कंचन घुसने बताया कि राज्य कृषि विभाग में सभी संबंधी बैंकों में सभी सरकारी बैंकों से अयोग्य किसानों से पैसा वापस लेने का मुहिम चालू कर दिया है।
केंद्र सरकार ने 2018 में पीएम किसान योजना चालू किया था। इस योजना के सहारे छोटे और सीमांत किसानों को सरकार साल मीठी हजार रुपेश 3 किश्तों में देती है। जो किसान इसी योजना के पात्र हैं उन्हें अभी भी दिया जाएगा लेकिन जो किसान किसी योजना के पात्र नहीं है उन्हें राम से वंचित कर दिया जाएगा तथा दी हुए पैसे वापिस करनी होगी।
बिहार सरकार के कृषि निदेशक ताल्लुक रंजन गोडसे ने कहा कि अभी लगभग यह काशी हजार लोगों को पहचान की गई है जो इसी योजना के पात्र नहीं है। ऐसे किसानों से पैसा लेने की मुहिम तीज कर दी गई है। जो किसान पात्र नहीं है उनका विवरण मैं नीचे दे रहा हूं। कृपया ध्यान से पढ़े और डगर आप भी पात्र नहीं है तो इस योजना से लाभ लेना बंद करें अन्यथा आप को सारी पैसा लौटाना होगा।
कौन किसान पीएम योजना के पात्र नहीं है।
पीएम किसान के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कुछ किसान जो पात्र नहीं है इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते। इसलिए लाभ लेने के पहले एक बार जरूर सोच लें कि आप इसके पात्र हैं कि नहीं है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार निम्न इसके पात्र नहीं है।
1, परिवार में एक से अधिक के लाभार्थी।
2, उच्च पदों पर बैठे लोग इसके पात्र नहीं है।
3, वैसे किस जो आयकर दे रहे हैं इस योजना के पात्र नहीं है।
4, डॉक्टर ,इंजीनियर ,वकील ,चार्टर अकाउंटेंट इसका लाभ नहीं उठा सकते।
5, 10000 से अधिक के पेंशन लेने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं है।
6, किसी तरह के सरकारी नौकरी करने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं है।
पीएम किसान योजना क्यों और कब चालू की गई।
केंद्र सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक योजना चलाई जिसका नाम है पीएम किसान सम्मन निधि योजना इस योजना के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को उनके खेती करने के लिए सरकार साल में ₹6000 देती है। यह योजना 2018 में शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से अभी तक के सरकार किसानों को 14 किस्त दे चुकी है। इस योजना से करोड़ों किसान लाभ ले रहे हैं लेकिन कुछ ऐसे किसान हैं जो पात्र नहीं है उन्हें हर हाल में लिए हुए पैसा वापस करना होगा।
बिहार में कितने किसान पीएम किसान योजना में अपात्र घोषित किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार में लगभग 81000 लोग अपात्र घोषित किए गए हैं। वे ऐसे किसान हैं जो इस योजना के पात्र नहीं है यानी आयकर दे रहे हैं। ऐसे किसानों से सरकार दिए हुए सारे पैसे वापस करना होगा।
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