मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में दाखिला प्रतिशत के आधार पर निक के माध्यम से होता है लेकिन देखा गया है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को परिणाम कमाते हैं। ऐसे में सरकार एक योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत सभी जाति वर्ग के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मेडिकल कॉलेज में एक कोटा तय किया जाएगा। जहां काम प्रतिशत के बाद ही उन्हें सरकार दाखिला देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी युवा सम्मेलन के दौरान इस योजना की घोषणा की जाएगी जिसको सरकार इसे लागू करने की तैयारी कर रही है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस ऐलान से लाखों गरीब विद्यार्थियों का डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा।
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मेडिकल कॉलेज के नीट परीक्षा में अंग्रेजी में प्रश्न पूछे जाते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र का अंग्रेजी कमजोर होता है। इसलिए नीट परीक्षा में कम अंक प्राप्त होते हैं। अगर मुख्यमंत्री चौहान कोटा लागू करते हैं तो लाखों सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को डॉक्टरी पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि जाति के आधार पर कोटा नहीं मिलेगी। जाति वर्ग चाहे कोई भी हो उसे सरकारी स्कूल के विद्यार्थी होना जरूरी है। चौहान जी का यह ऐलान सराहनीय है। इस तरह का कोटा सिस्टम हर राज्यों में होना चाहिए तभी सरकारी स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेना आसान हो जाएगा।
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