उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि चक्की में आटा पीसने के 7 दिन के भीतर सभी घरों में उसकी डिलीवरी कर दी जाए ताकि लोगों को ताजा आटा मिल सके जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मार्केट में भी आता तरी एक से 2 महीने पुराना होता है। पहले लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनाज लेने के लिए घंटों धूप में लाइन में खड़ा होना पड़ता था। फिर गेहूं लेने के बाद उसी पैसा और समय लगाकर पीसा ना होता था। अब सीधे घर पर आता मिलने से लोगों का समय पैसा मेहनत और उर्जा चार चीजें बचेगी।
सरकार एफसीआई गोदामों से गेहूं उठाकर आटा चक्की को देगी आटा चक्की के टेंडर का काम लगभग पूरा हो चुका है। फिर आटा को हर घर में पहुंचाने का काम डिलीवरी पार्टनर का होगा। देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया है। जल्द ही डिलीवरी पार्टनर का नाम फाइनल किया जाएगा।
आटा डिलीवरी में किसी तरह की कोई गड़बड़ी की गुंजाइश ना हो लोगों को शिकायत का कोई मौका ना मिले इसके लिए कैमरे की देखरेख में फ्लोर बैग की डिलीवरी का काम होगा। समय पर डिलीवरी हो सके इसके लिए डिलीवरी बहन को जीपीएस सिस्टम से लैस किया जाएगा। भुगतान के लिए डिजिटल पेमेंट का विकल्प भी रखा गया है।
पुराने राशन डिपो होल्डर्स का भी रखा गया है ख्याल।
सरकार ने पुराने राशन डिपो होल्डर से एक के एमओयू साइन किया है जिसके तहत पुराने राशन डिपो वाले केंद्र सरकार की विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं जैसे बीएसएनल लैंडलाइन फोन का बिल भरना एवं केंद्र सरकार की अन्य ऑनलाइन सुविधाओं से संबंधित काम कर सकेगी ताकि उनकी भी आए बरकरार रहे।
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